chanakya and porus
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Chaanaky Niti
चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 40
196 : - जिसकी आत्मा संयमित होती है, वही आत्मविजयी होता है। 197 : - स्वभाव का अतिक्रमण अत्यंत कठिन…
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Chaanaky Niti
चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 39
191 : - अपने से अधिक शक्तिशाली और समान बल वाले से शत्रुता न करे। 192 : - मंत्रणा को…
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Chaanaky Niti
चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 38
186 : - अर्थ, धर्म और कर्म का आधार है। 187 : - शत्रु दण्डनीति के ही योग्य है। 188 : -…
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Chaanaky Niti
चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 37
181 : - दोषहीन कार्यों का होना दुर्लभ होता है। 182 : - किसी भी कार्य में पल भर का…
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Chaanaky Niti
चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 36
176 : - सोने के साथ मिलकर चांदी भी सोने जैसी दिखाई पड़ती है अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर…
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चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 35
171 : - शत्रु के गुण को भी ग्रहण करना चाहिए। 172 : - अपने स्थान पर बने रहने से…
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चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 34
166 : - आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर…
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Chaanaky Niti
चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 33
161 : - यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए। 162 : - यदि स्वयं के हाथ…
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चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 30
156 : - आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है। 157 : - मित्रों के संग्रह से बल…
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Chaanaky Niti
चाणक्य के अनमोल विचार || Chaanaky Ke Anamol Vichaar – Part 31
152 : - वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी…
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